स्वरों की लय से परिपूर्ण संगीत की देवी दीदी लता थी स्वरों की लय से परिपूर्ण संगीत की देवी दीदी लता थी
घर मे खिलखिलाती मुुस्कुराहट का न होना बहुत याद आता है मुझे घर मे खिलखिलाती मुुस्कुराहट का न होना बहुत याद आता है मुझे
वो दिन फिर भी वापस आएगा ढेर सारी खुशियाँ लाएगा। वो दिन फिर भी वापस आएगा ढेर सारी खुशियाँ लाएगा।
लोटपोट हो जाते हैं सब करने लगता जब व्यायाम। लोटपोट हो जाते हैं सब करने लगता जब व्यायाम।
ए दीदी आपसे दूर जाकर, आपकी कीमत मैंने जाना हैं। ए दीदी आपसे दूर जाकर, आपकी कीमत मैंने जाना हैं।
कभी सहारा ले लेना, कभी किसी का सहारा, बन जाना तुम। कभी सहारा ले लेना, कभी किसी का सहारा, बन जाना तुम।